publish by ashutosh: किस्मत भी लोगों के साथ कई बार अजीब चीजें करती है। कभी किसी को सड़क पर ला देती है। कभी किसी को अचानक से सड़क से उठा कर महल में भी पहुंचा देती है। किस्मत बदलने वाला एक ऑप्शन है lottery।
सालों साल लोग lottery खरीदते हैं और उनमें से कुछ हमेशा के लिए अपनी तकदीर बदल लेते हैं। पर कुछ घटनाएं ऐसी भी सामने आई हैं, जहां किसी ने lottery अपनी पसंद से नहीं बल्कि मजबूरी में खरीदी और वो मोटा इनाम जीत गया। इसी की तरह की एक घटने कुछ समय पहले केरल से सामने आई। आगे जानते हैं पूरी कहानी

मजबूरन खरीदी lottery
केरल के कोट्टायम के रहने वाले संदानंद के साथ एक ऐसी घटना घटी, जिसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे। हुआ कुछ ऐसा कि सदानंद को 500 रुपये का छुट्टा कराना था। इसके लिए उन्होंने मजबूरन एक लॉटरी का टिकट खरीदा। इस लॉटरी के टिकट ने उनकी किस्मत बदल दी। क्योंकि वे मजबूरी में खरीदे गए इस टिकट से करोड़पति बन गए थे।
खरीदनी थी सब्जी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सदानंद सब्जी खरीदने के लिए घर से निकले थे। उनके पास 500 रुपये का एक नोट था। वे उसे छुट्टे कराने के लिहाज से एक lottery टिकट खरीदने पर मजबूर हो गए। छुट्टे पैसों से उन्होंने सब्जी खरीदी और घर आ गए। कुछ घंटे बाद ही उनकी किस्मत तब बदल गयी, जब उन्हें पता चला कि वे जैकपॉट जीते हैं।

जीते पूरे 12 करोड़ रु
जैकपॉट में सदानंद पूरे 12 करोड़ रु जीते। हालांकि सदानंद ने पहले भी कई बार lottery खरीदी मगर कभी भी उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। 12 करोड़ रु में से एक हिस्सा टैक्स का काटा गया और बाकी 7.39 करोड़ रु सदानंद को मिले।
जीते 10 करो़ड़ रु
हाल ही में तमिलनाडु के दो लोग 10 करोड़ रु का इनाम जीते थे। ये थे डॉ एम प्रदीप कुमार और उनके रिश्तेदार एन रामेसन, जो तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर किसी को रिसीव करने गए थे, मगर वहीं परिसर से उन्होंने lottery टिकट खरीदा। दोनों लोग विदेश से आए रामेसन के साले को लेने के लिए एयरपोर्ट पर गए थे। प्रदीप के मुताबिक सबसे पहले वे जीत के पैसों में से अपना कुछ कर्ज अदा करना चाहते हैं।
कितनी रकम आई हाथ में
प्रदीम और रामेसन की लॉटरी ड्रॉ का नतीजा 22 मई को आ गया था। दोनों अकसर lottery से अपनी किस्मत आजमाते रहते थे। मगर उन्हें कभी बड़ा इनाम हाथ नहीं लगा।

अकसर वे छोटी-छोटी इनामी राशि जीतते थे। बता दें कि उन्हें पूरे 10 करोड़ रु नहीं मिले, बल्कि टैक्स के बाद उन्हें कुल 6.16 करोड़ रुपये दिए गए। दोनों विजेताओं ने टिकट पर संयुक्त तौर पर क्लेम किया। इसलिए विभाग जीतने वाली राशि को उनके संयुक्त स्वामित्व वाले बैंक खाते में जमा किया।
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विजेता अन्य राज्य से थे, इसलिए उन्हें नोटरी सत्यापित पहचान प्रमाण भी पेश करने की जरूरत थी। एक और खास बात कि इस टिकट को वलियाथुरा के रहने वाले रंगन-जसींथा दंपति ने बेचा था जो आम तौर पर हवाई अड्डे पर टिकट बेचते हैं। ये रात में टिकट बेचते हैं, जब अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं ज्यादा चलती हैं।