उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले मिश्रा परिवार के बच्चों ने, जहां एक या दो नहीं बल्कि चारों भाई-बहनों ने UPSC की सिविल सर्विसेस(Civil Services) की परीक्ष पास कर अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया है. जहां पूरे खानदान में कभी कभार कोई बच्चा UPSC Clear करता है, वहां अनिल मिश्रा के चारों बच्चे (योगेश, माधवी, लोकेश, क्षमा) UPSC Crack कर IAS और IPS अधिकारी बन गए किसी ने क्या खूब कहा है कि, मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,

परिवार में बना पहला IAS
अनिल मिश्रा की सबसे बड़ी औलाद और भाई-बहनों में सबसे बड़े भाई योगेश मिश्रा ने सबसे पहले UPSC की तैयारी करने का फैलसा किया. योगेश ने इस परीक्षा के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की और साल 2013 में Examination की रिजर्व लिस्ट(Reserve List) में चुने गए. परीक्षा पास करने के बाद उन्हें IAS अधिकारी का पद सौंपा गया. बड़ें भाई योगेश के सिविस सर्विसेस में Selection के बाद बहन माधवी ने UPSC देने का मन बनाया और अगले ही साल 2014 में 62वीं रैंक प्राप्त कर इस सिलसिले को आगे बढ़ाया.

पिता के देखे सपने को बच्चों ने किया साकार
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिलें के रहने वाले अनिल मिश्रा अपनी पत्नी के साथ दो कमरों के मकान में रहते थे. अनिल मिश्रा के दो बेटे और दो बेटियां हैं, जिनका नाम योगेश, लोकेश, माधवी और क्षमा है. मिश्रा जी, प्रतापगढ़ के एक ग्रामीण बैंक में मैनेजर के तौर पर काम किया करते थे

उनका सपना था कि वे अपने बच्चों को सफलता के शिखर पर पहुंचते हुए देखें. यही कारण है कि उन्होंने कभी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कोताही नहीं बरती. हालांकि, उनके चारों बच्चें पढ़ने में भी काफी होशियार थे.
छोटे भाई और बहनों ने जारी रखा अधिकारी बनने का सिलसिला
माधवी के साथ छोटे भाई लोकेश ने भी UPSC की सिविल सर्विसेस में अपना हाथ आजमाया और साल 2014 में ही Examination की रिजर्व लिस्ट में अपनी जगह बनाई. हालांकि, उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का निर्णय लिया और पहले के मुकाबले परीक्षा के लिए और अधिक मेहनत की, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अगले साल 2015 में ही UPSC परीक्षा में 44वीं रैंक हासिल की और अपने परिवार की UPSC Crack करने के नियम को आगे बढ़ाया.

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अंत में छोटी बहन भी बन गई IPS
अब अंत में बारी आई सबसे छोटी बहन क्षमा मिश्रा की, जो अपने बड़े भाई-बहनों के नक्शे कदम पर ही चली और UPSC की परीक्षा दी. बता दें कि क्षमा मिश्रा ने साल 2015 में UPSC का अटेंप्ट(Attempt) दिया था, जिसमें उन्होंने 172वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन उनका सिलेक्शन डिप्टी एसपी(Deputy SP) के तौर पर हुआ था. क्षमा अपनी इस रैंक से संतुष्ट नहीं थीं, जिस कारण उन्होंने UPSC का एक और अटेंप्ट दिया और इस बार उनका चयन आईपीएस ऑफिसर(Ips Officer) के लिए हो गया. इस प्रकार मिश्रा परिवार के सभी भाई-बहन आज IAS और IPS के पद पर रह कर देश की सेवा कर रहे हैं.

किसी ने क्या खूब कहा है कि, मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता जनाब, हौसलों से उड़ान होती है. ऐसे ही हौसलों की मिसाल पेश की है उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले मिश्रा परिवार के बच्चों ने, जहां एक या दो नहीं बल्कि चारों भाई-बहनों ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेस की परीक्ष पास कर अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया है. जहां पूरे खानदान में कभी कभार कोई बच्चा यूपीएससी क्लियर करता है, वहां अनिल मिश्रा के चारों बच्चे (योगेश, माधवी, लोकेश, क्षमा) यूपीएससी क्रैक कर आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन गए
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