Publish By Ashutosh- Andhra Pradesh के विशाखापट्टनम के मेघाड्रिगेडा जालाश्य में म्यूनसिपल कार्पोरेशन ने पानी में 3 मेगावाट के क्षमता वाले फ्लोटिंग सोलर पैनल परियोजना की शुरुआत की. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम के आयुक्त जी लक्ष्मीशा ने कहा कि 12 एकड़ क्षेत्र में शुरू किया गया बिजली प्लांट हर साल 42 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकता है.

अधिकारी ने कहा कि फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 54,000 टन कोयले की बचत होगी और हर साल उत्सर्जन में 3,022 टन की कमी आएगी. शुक्रवार को जीवीएमसी ने ड्रोन द्वारा कैप्चर किए गए फ्लोटिंग पावर प्लांट का खूबसूरत वीडियो को शेयर भी किया.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना के रामागुंडम में भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पावर परियोजना के पूरी तरह से चालू होने के कुछ सप्ताह बाद विशाखापत्तनम में यह प्लांट लगाया गया है. पॉवर मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट एडवांस तकनीक के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से संपन्न है.

100 मेगावाट रामागुंडम फ्लोटिंग सोलर पीवी प्रोजेक्ट में से 20 मेगावाट के अंतिम हिस्से का संचालन 1 जुलाई से शुरू हुआ, जिससे दक्षिणी क्षेत्र में फ्लोटिंग सोलर पावर का कुल कॉमर्शियल ऑपरेशन 217 मेगावाट हो गया है.
#WATCH | Andhra Pradesh: A floating solar power plant commissioned by Greater Visakhapatnam Municipal Corporation (GVMC) on Meghadri Gedda reservoir in Visakhapatnam (22.07) pic.twitter.com/awAhT0w7t7
— ANI (@ANI) July 22, 2022
बता दें कि इससे पहले, एनटीपीसी ने केरल के कायमकुलम में 92 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर और Andhra Pradesh के सिम्हाद्री में 25 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर के कॉमर्शियल ऑपरेशन की शुरुआत की घोषणा की थी. बीते 25 जून को केरल के कामकुलम में 101.6 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की शुरुआत की गई थी.

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कंपनी ने एक बयान में बताया था कि यह परियोजना कायमकुलम में 350 एकड़ के जलक्षेत्र में स्थापित की गई है. कंपनी की तरफ से कहा गया कि तरह-तरह की चुनौतियों के बावजूद यह परियोजना निर्धारित समय में पूरी हो गई.